What is Artificial Intelligence in Hindi | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(कृत्रिम बुद्धि) क्या है?
एक मिनट… गूगल, तुम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो क्या?
Google: जी हां, मेरे पास जो भी समझदारी है वह इंसानों की बनाई हुई है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नाम सुनते ही जो पहली चीज हम सबके दिमाग में आती है वह है रोबोट। पर ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिर्फ रोबोट में ही नहीं बल्कि, हमारे रोज़मर्रा की जिंदगी में भी घुस चुकी है। चाहे गूगल मैप का, हमे कम ट्रैफिक वाला रास्ता बताना हो, गूगल असिसटेंट का हमारे अलग-अलग सवालों के जवाब देना हो, गाड़ियों का बिना ड्राइवर के खुद ब खुद को चलना हो। या फिर ऐमेज़ॉन का हमारे पसंद के हिसाब से हमें कपड़े दिखाना हो। यह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही कमाल है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, यानी ऐसी इंटेलिजेंस, ऐसी बुद्धि, जो इंसान द्वारा बनाई गई हो। तो जैसे हमारे अंदर एक इंटेलिजेंस/ बुद्धि होती है, जो हमें नई-नई चीजें समझने, सीखने, और परेशानियों में उनका हल निकालने में मदद करती है उसी तरीके से मशीनों को भी इंटेलीजेंट बनाया जा सकता है। ताकि, वह अपने डिसीजन खुद ले सके, उनका अपना दिमाग हो हमारे बातें समझ सके, आसपास क्या चल रहा है वह समझ सके और इन सब चीजों से, बहुत कुछ सीख भी सकें।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जिसे शॉर्ट में AI भी कहा जाता है ऐसा क्षेत्र है जिसमें प्रोग्रामर्स ऐसे सॉफ्टवेयर बनाते हैं जिन्हे अगर किसी मशीन में डाला जाए, तो उस मशीन से हम कोई भी काम करवा सकते हैं। और यह मशीन, इंसानों की तरह बहुत सारे काम आसानी से कर सकती है। मतलब यह मशीन ऐसी है, जो इंसानों की ही तरह चीजों को परखती है, समझती है और फिर क्या करना है, नहीं करना है, यह भी खुद ही डिसाइड करती है
सोफिया को तो आपने देखा ही होगा। जो एक इंसान जैसे दिखने वाली रोबोट है और जो इंसानों की ही तरह, अलग-अलग एक्सप्रेशंस के साथ बात कर सकती है। हांगकांग में बनी यह रोबोट भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही इस्तेमाल करती है। इस रोबोट को, इस तरह बनाया गया है कि यह हमारे चेहरे के एक्सप्रेशन, हाथों का हिलना, यह सब देख कर हमारी फीलिंग भी समझ सकती है और उस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया भी दे सकती है। साथ ही साथ, अलग-अलग लोगों से मिलकर, अलग-अलग जगह जाकर यह रोबोट सीखती भी जाती है।
बिना ड्राइवर के चलने वाली गाड़ियाँ और उनके बारे में आपने तो सुना ही होगा ऐसी टैक्सी जो बिना ड्राइवर के खुद-ब-खुद चल सकती है अमेरिका के कुछ शहरों में चल भी रही है और इनमें भी, AI सॉफ्टवेयर डाला जाता है, जो चलते चलते, डाटा इकट्ठा कर कर के सीखता भी जाता है, और अलग-अलग परिस्थितियों में निर्णय भी ले पाता है। इन मशीनों को इंटेलिजेंट बनाने के लिए, इन्हें डाटा दिखा दिखा कर सिखाना पड़ता है यह मशीन डाटा से ही सीखती हैं जिसके लिए प्रोग्रामर्स प्रोग्राम बनाते हैं कोडिंग करते हैं और और उस तरीके से इन मशीन को सिखाते रहते हैं फिर आखिर में, इन मशीन को बाहर टेस्ट किया जाता है और इस टेस्ट के द्वारा भी यह सीखती जाती है।
यह मशीन, इंसानों जितना इंटेलिजेंट बन पाए या नहीं लेकिन इंसानों द्वारा होने वाले कई कामों को यह आसानी से कर सकती है। अभी से ही हमारे आसपास कितने सारी चीजों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है तो सोच कर देखिए, के समय के साथ धीरे-धीरे दुनिया कितनी बदल जाएगी। हम बिना ड्राइवर के गाड़ी में बैठे होंगे, सामान खरीदते समय कोई दुकानदार तो होगा नहीं पैसे खुद-ब-खुद कट जाएंगे। जगह-जगह ऑफ़िस, फ़ैक्टरी में रोबोट काम कर रहे होंगे और घर पर डिलीवरी भी ड्रोन से होगी।
1 मिनट, आपको डर तो नहीं लग रहा है कि आपकी नौकरी छिन जाएगी? यह सवाल भी, कई सारे लोगों के चर्चा का विषय बन चुका है के अगर सारा काम मशीन करेंगी, तो फिर हम क्या करेंगे? और इसमें, लोगों के मन में, दोनों ही तरह के विचार आ रहे हैं यह बात तो है ही, कि वह सारे काम जिसमें दिमाग का इस्तेमाल कम होगा जो काम मशीन बिना किसी थकान और गलती के ज्यादा अच्छे से कर पाएगी वह नौकरियाँ खत्म हो ही जाएंगी। लेकिन साथ ही साथ, कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है, के AI के आने से, बहुत सारी नई जॉब भी खुल जाएंगी। यह जो मशीन होंगी इनको बनाना, रिपेयर करना, नए-नए कोड लिखना वगैरह-वगैरह। बाकी असल में यह कहानी किस तरफ मोड़ लेगी, यह तो समय ही बताएगा। वैसे आपको क्या लगता है, कैसा होगा हमारा भविष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ?
Advantages of Artificial Intelligence in Hindi | आर्टिफिसएल इंटेलिजन्स के फायदे हिंदी मे
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