इक राजा था और उस राजा को, उसके एक बहुत प्रिय मित्र था वो भी दूसरे राज्य का राजा था तो दोनों राजा आपस में दोस्त थे। तो दूसरे राजा ने पहले अपने मित्र को तोहफे में कुछ दिया और वो तोहफा उसकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण तोहफा सबसे प्यारा तोहफा था । उसने उसको तोहफे में दो बाज़ दिए और बाज़ बड़ी अच्छी नस्ल के थे। राजा को तोहफे में बाज़ पाकर बहुत प्रसन्न्ता हुई और दूसरे राजा को धन्यवाद दिया
बाज़ अभी छोटे थे लेकिन उनकी नस्लवाद बहुत ही शानदार थी ।अच्छी नस्ल के बाज़ पाकर के राजा प्रशंसित हुआ और उसने अपने महल में जो ट्रेनर था जो पशु पक्षियों को ट्रेन करता था । उस से बोला आप इनको उड़ना सिखा, कलाबाजियां सिखाकर ,पैंतरे सिखा, युद्धनीति सिखा सब कुछ सिखा । फिर मेरे पास आना तो ट्रेनर ने दो तीन महीने उन बाजों पर काम किया। बहुत जबरदस्त तरीके से काम किया ।
तीन महीने के बाद उसने राजा को रिपोर्ट किया बड़ी अजीब बात,राजा साहब आप ने जो बाज़ दिए हैं । वे हैं तो बहुत ही अच्छी नशल के, लेकिन एक प्रबल या दिकत हो रही है। आप उसको समाधान करेंगे तो राजा ने बड़ी प्रबल या दिकत क्या है । ट्रेनर बोला एक बाज़ तो शानदार उड़ता है । वस्तुतः कलाबाजी भी करता जैसा सिखाता हूँ वैसा सीखता है पर एक बाज़ उड़ता ही नहीं है और न ही कुछ और सीखता है।
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तो राजा ने कहा की किसी और को बुलाओ अपने शहर में अपने एरिया में अपनी सल्तनत में कोई ऐसा आदमी ढूंढो जो पक्षी प्रेमी हो । ऐसा आदमी ढूंढो जो नेचर लविंग हो । जो बाज़ से बात कर सके से पूछे समस्या क्या है ? दूसरा बाज़ तो दनादन उड़ रहे तेरी क्या तकलीफ है? ठीक है राजा साहाब संपूर्ण राज्य प्रयास करता हूं । वह टेलर वेश में घूमा और एक आदमी को ले आया। उसको जिम्मा दिया कि तू ट्रेन कर इसको । उसने बोला इसको तो मैं उड़ा दूंगा । अगले ही दिन जब वह आदमी उन बालों को देखने आया तो दोनों के दोनों मस्त उड़ गये ।
राजा ने बोला कि ये कैसे चमत्कार किया। उससे राजा ने पुछा आप ने क्या किया? उसने बोला मैंने कुछ नहीं किया, जिस शाखा पर बैठा था ।हमने उसी शाखा को मैंने काट दिया अपने आप उड़ने लगा ।
आप किस शाखा पर बैठे हो , तो इस प्रकार की शाखा को काटा जाए ।
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